
Buckwheat Flour Case: मिलावटखोरी रोकना केवल विभाग की जिम्मेदारी नहीं – स्वास्थ्य सचिव
सीएम धामी के कड़े निर्देश, बख्शे नहीं जाएंगे मिलावटखोर
जांच समिति का गठन, तीन दिन में रिपोर्ट देगी समिति
प्रदेशभर में एफडीए के पंद्रह सौ से अधिक दुकानों में छापे
Buckwheat Flour Case: स्वास्थ्य सचिव व खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन (एफडीए) के आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर दूषित कुट्टू के आटे(Buckwheat Flour Case) से अस्पतालों में भर्ती मरीजों के प्रकरण की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम का गठन किया गया है। यह समिति तीन दिन के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस समिति के अध्यक्ष ताजबर सिंह, अपर आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन होंगे। अन्य सदस्यों में राजेंद्र सिंह रावत, उपायुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, सतर्कता सह अभिसूचना शाखा के अधिकारी तथा महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा नामित दो वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। समिति को निर्देश दिए गए हैं कि समस्त पहलुओं की गहन जांच कर तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
पंद्रह सौ से अधिक दुकानों पर छापेमारी
खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने मिलावटखोरों के खिलाफ प्रदेशभर में दुकानों और खाद्य गोदामों में छापेमारी की। एफडीए की टीमों ने सभी 13 जनपदों में अब तक पंद्रह सौ से अधिक दुकानों पर छापेमारी की। इस दौरान 100 से अधिक सैंपल लिए गए और दो दर्जन से अधिक दुकानों को नोटिस थमाए गए हैं। एफडीए आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत छापेमारी अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेशभर में लगभग पंद्रह सौ से भी अधिक दुकानों पर छापेमारी की गई है। कई दुकानों से सैंपल लिए गए हैं। इसके अलावा दो दर्जन से भी अधिक दुकानदारों को नोटिस दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा।
Buckwheat Flour Case: आयुक्त ने ली एफडीए अधिकारियों की बैठक
खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने प्रदेशभर में युद्धस्तर पर हुई छापेमारी की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि अभियान लगातार जारी रहे। अभियान को व्यापक बनाकर चलाया जाए। इसी माह चारधाम यात्रा भी शुरू हो रही है। इसलिए यात्रा से संबंधित जनपदों व यात्रा मार्ग पर खास फोकस किया जाए। उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अभियान में लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सचिव स्वास्थ्य की आम जनता से अपील
वहीँ सूबे के अनुभवी आईएएस और सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि यह केवल विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि आम जनता को भी मिलावटखोरों के खिलाफ जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जनता की सहायता से ही मिलावटखोरी को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। लोगों को यह समझना होगा कि मिलावटी खाद्य पदार्थ उनके स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकते हैं। मिलावटखोरी का मामला सिर्फ एक कानूनी चुनौती नहीं, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी है, जिसे हम सबको मिलकर हल करना है। इसलिए आप भी केवल विभाग के भरोसे न रहे बल्कि आप भी जागरूक हो तभी इस समस्या से जल्द छुटकारा मिल सकता है।